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*शादी के बाद बेटी की समस्या , मां से बात करें या नहीं/shadi ke baad beti ki samashya , Maa se baat karye ya nahin।

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  *शादी के बाद बेटी की समस्या, मां से बात करें या नहीं/ Shadi ke baad beti ki samashya,maa se baat kare। यह एक व्यक्तिगत फैसला है कि शादी के बाद बेटी क्या करना चाहती है। हालांकि, व्यावसायिक जीवन और परिवार के सम्बंधों में मां के साथ बातचीत बहुत महत्वपूर्ण हो सकती है। शादी के बाद बेटी को अपनी जिंदगी की नई शुरुआत के लिए कई बदलावों का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि उनके नए पार्टनर और ससुराल के साथ समझौते और समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस संदर्भ में, मां उनके लिए सहायता और समर्थन प्रदान कर सकती हैं। इसके अलावा, शादी के बाद बेटी को नई परिवार के सदस्यों के साथ भी अच्छी तरह संबंध बनाना होगा। मां इस प्रक्रिया में भी मदद कर सकती हैं और बेटी को अपने परिवार और नए परिवार के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकती हैं। अगर बेटी और मां के बीच कुछ असमंजस होता है, तो दोनों की बातचीत बहुत महत्वपूर्ण होती है। दोनों के बीच अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए बातचीत बहुत जरूरी होती है। *मायके में बात करने पर लोग हमेशा गलत ही क्यों सोचते हैं:_ यह एक सामान्य धारणा है कि मायके में ब...

आज बच्चे शादी क्यों नहीं करते/Aaj bachhe shadi kyu nahi karte

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          आज बच्चे शादी नहीं करते? आप अपने जवान बच्चों से बेटा हो या बेटी शादी करने का प्रस्ताव रखते होंगे लेकिन वह इस प्रस्ताव को नकार देते हैं। ऐसा एक बार नहीं कई बार हो चुका होता है लेकिन आप यह नकारात्मक जवाब कब तक सुन सकते हो, कभी ना कभी तो इस पर विचार करना पड़ता है । सवाल उठता है कि बच्चे शादी ना करने के लिए हमेशा नकारात्मक जवाब क्यों देते हैं। कई परिवारों से बात करने के बाद निर्णय निकालने का प्रयास किया तब सामनेआता हैं। 1:_ बच्चे जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते: _ आज जिस परवरिश में बच्चे बड़े हो रहे हैं, उसमे कोई दूसरे की जिम्मेदारी उठाने को तैयार नहीं होते। इन बच्चों को अपने जिंदगी में ही मजे लूटने में मजा आता है और वह इस बात को सही मानते हुए शादी ना करने का फैसला ले लेते हैं।  2:_अपनी आजादी का खतरा:_ इन बच्चों को अपनी आजादी का  खतरा नजर आता हैं।इसलिए वो शादी के नाम दूर भागते हैं। इस आजादी में बहुत सी बातें अपने आप ही जुड़ जाती हैं । अ) प्यार की आजादी ब) देर से सोने और जागने की आजादी स)खर्चों की आजादी   होती हैं। ...

पिता पुत्र संबंध कैसा होना चाहिए?

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      पिता पुत्र संबंध  कैसा होना चाहिए? पिता और पुत्र के रिश्ते हमेशा जीवन भर याद रखने वाला एक संबंध होता है। लेखकों और कवियों ने  पिता और पुत्र के संबंधों को हमेशा एक नाजुक संबंध बताया है। अब समस्याए आती है कि यह दोनों रिश्ते क्या वाकई में एक नाजुक रिश्ता होते है? जहां तक मुझे लगता है यह समस्या इतनी छोटी भी नहीं है जिस पर दो चार कविताएं लिख दी जाए और समस्या का समाधान हो जाएगा। पहले तो हमें पता होना चाहिए? इन समस्याओं पर विचार करें तो ये  बहुत ही प्रारंभिक समस्याएं होती हैं। इन समस्याओं को हर इंसान अपने अपने तरीके से लचीला या कठोर बना लेता है। हम भारतीय जिस समाज में रहते हैं, वहां हमेशा से पुरुषों को कठोर बनाने की शिक्षा दी जाती रही हैं। जब तक छोटे होते हैं हम बच्चों को नजर अंदाज  की स्थित में रखते हैं। या यूं कहे  कि अपने पास घुलने मिलने नहीं देते हैं और यह समस्या एक दिन बड़ी समस्या बन जाती है। देखा जाए तो बच्चों की दूरी पिता से स्वता ही बन जाती है। उसका एक बहुत बड़ा कारण यह होता है ,पिता दिन में काम करने के लिए बाहर निकल...