रिश्ते कमजोर क्यों होते हैं| "रिश्ते रेशम के धागे पर'

रिश्ते कमजोर क्यों होते हैं| "रिश्ते और रेशम के धागे " 

हेलो दोस्तों ,
रिश्ते ऐसी चीज है जिसको धरती पर रहने वाला हर प्राणी ने अपने-अपने तरीकों से अनुभव किया है| कहते हैं, यह रिश्ते हमारे पैदा होने से पहले और मरने के बाद भी बने रहते हैं यानी  डबल मजबूती हो जाती है |  अब जेहन में यह बात आती है कि रिश्ते यदि इतने मजबूत हैं तो इनको रेशम के धागों से कमजोर होने की बात क्यों की जाती है| आपके दिल में भी यह प्रश्न उठता होगा इनके कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं| 
1:प्यार: जी हां प्यार के कारण ही आज रिश्तो का रुख ही बदल गया है| प्यार और चिंता दो अलग अलग बात होती है पर प्यार मैं किया काम अक्सर गलत ही हो जाता है| प्यार में अंधे लोगों के द्वारा यह ज्यादा देखने को मिलता है| पहले समय में भी पेरेंट्स बच्चों  को प्यार करते थे| लेकिन चिंता (care) के रूप में करते थे|  बच्चों को समझाते थे, उन्हें समय देते थे आवश्यकता के अनुसार आजादी भी देते थे लेकिन अब आप सोच रहे होंगे की प्यार में तो अच्छे-अच्छे सही हो जाते हैं तो बिगड़ते कैसे है? जी नहीं! ज्यादा प्यार के कारण आपने पागल होते हुए लोगों को भी देखा होगा| 
2: अविश्वास: यह तो आप भी जानते हैं कि रिश्तों की मजबूती दो ही वजह  से होती हैं। एक प्यार दूसरा विश्वास मैंने प्यार का तर्क उपरोक्त दे दिया है अब बात आती है विश्वास ।जब विश्वास ही कमजोर हो या टूट गया हो तो रिश्तो का कमजोर होना वाजिब है|
3: नाराजगी: जब हर एक बात पर नाराजगी होती रहेगी हर समय एक दूसरे से शिकायत बनी रहेगी तो रिश्ता कब तक बना रहेगा|मजबूत से मजबूत डोर गांठ लगते लगते कमजोर हो जाती है ,जबकि वह निर्जीव है , तो आप यह जाने के रिश्ते सजीव होने के साथ भावनाओं पर टिके होते हैं और  भावनाएं यूं ही नाजुक होती हैं|
4: कम्युनिकेशन गैप: अब जब रिश्तो की बात होती है तो कम्युनिकेशन गैप की तो बात करना बहुत ही जरूरी हो जाता है यह गैप तो हर घर में देखने को मिलता है पिता की ना तो अपने पिता से बनती है और ना ही अपने बेटे से, तो यहां किसे गलत ठहराया जाए बाबा, पिता, या बच्चे को, जहां तक मुझे लगता है कि तीनों अपने समय ओहोदे को देखते हुए सही होते हैं और तीनों ही एक दूसरे को ना समझने के कारण रिश्तो को बिगाड़ दिया करते है| 
 *रिश्तो को बनाना बहुत आसान है लेकिन उन्हें बनाए रखना या निभाना बहुत मुश्किल होता है| इन रिश्तो के जख्मों से सभी जख्मी हो चुके होते हैं|  *रिश्ते मजबूत तब बन सकते हैं जब दोनों तरफ से बनाए रखने की कोशिश बराबर की हो रही हो यदि आप वाकई अपने पार्टनर से या परिवार के सदस्यों से प्यार करते हैं तो कभी-कभी प्यार को जाहिर कर देना जरूरी हो जाता है|यह प्यार अपने पार्टनर के साथ भी जताया जा सकता है और पेरेंट्स अपने बच्चों के साथ भी दिखा सकते हैं|  इसका बहुत बड़ा कारण आज बच्चे बहुत ही सॉफ्ट दिल के हो गए हैं इसलिए जरूरी हो जाता है कि उन्हें प्यार जताया जा सके| कई  बार प्यार ना जताने के कारण तनाव इतना बढ़ जाता है कि एक घर में रहते हुए भी पार्टनर या पेरेंट्स और बच्चों के बीच दोनों अनजानो की तरह जिंदगी बिताने लगते हैं यदि पार्टनर की बात करें उन्हें दर्द भरी जिंदगी काटने की आदत सी हो जाती है, और उन्हें लगता है कि मेरी जिंदगी ही इतने कष्टों में बीत रही है एक बाकी सब ही जिंदगी में मजे लूट रहे हैं|सच जानिए कि कुछ समझदारी से ना काम करने पर यह कष्ट सभी की जिंदगी में नासूर से बन जाते हैं|
5:छोटी छोटी गलतियां निकालना: यह बड़े बुजुर्ग और पति पत्नी के घरवाले बड़े भाई या बहन सब में होता है| एक दूसरे को सब कुछ सिखाने के चक्कर में छोटी-छोटी बातों पर टोका टाकी के कारण भी घर के हालात बिगड़ जाते हैं|
कभी-कभी सास बहू को सिखाना चाहती है तो कभी बहू सास को सिखाना चाहती है |मां बेटी को और बेटी मां को ,भाई बहन को और बहन भाई को, और धीरे धीरे यही चीज चार-पांच साल में रिश्ते खराब कर देती है|
6: पारिवारिक नाटक: यह पार्टनर और परिवार के अन्य सदास्यो बीच में भी देखा जा सकता है छोटी छोटी चीजों में tool दे देना रुथना रिश्तों को कामजोर करने की बड़ी वजह हो शक्ति है |परिवार  दो सदास्यो से नहीं बाल्किघर परिवार के सदास्य बराबर के हकदार होते हैं बात बात मैं नारज होना  अच्छा नहीं होता |इससे रिश्ते टूटने की नौबत एक शक्ति है|
6:शक करना: यह आखिरी और सबसे खतरनाक है| शक: वह जहर है जो आपके परिवार में  किसी भी सदस्य के दिल य दिमाग में बैठ जाए तो रिश्ते खराब ही  हो जाते हैं और इस्का कोई इलाज भी नहीं होता|
आशा करते हैं की ,आप ध्यान देंगे  और अपने परिवार को सुधारने और खुद को सुधारने में अपना पूर्ण सहयोग करेंगे |मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं| 

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