भारतीय घरों के बुजुर्ग लाचार क्यों / Bhartiy Gharo ke Bujurgon lachar kyon?
भारतीय घरों के बुजुर्ग लाचार क्यों / Bhartiy Gharo ke Bujurgon lachar kyon?
समाज कोई भी हो, बिना बुजुर्गों का परिवार नहीं हो सकता। इनके बगैर घर की न्यू रखना ही असंभव है।
यह बुजुर्ग जब तक अपने हाथ पैर के होते हैं तब तक तो वैसे भी कुछ किसी से नहीं कहते लेकिन जब लाचारी की स्थिति आती है शरीर काम नहीं करता है ,तब उन्हें यह शरीर बहुत परेशान करता है। ऐसी स्थिति में यदि उनके बच्चे ,नाती _ पोते उन्हें मदद नहीं करते तो यह उनके लिए बहुत दर्दनाक होता है।
बुजुर्गों की लाचारी के निम्नलिखित कारण इस प्रकार हैं।
1:_ अस्वस्थ शरीर :_.
बुजुर्गों की लाचारी का पहला कारण अस्वस्थ शरीर है।
यह तो हम सब जानते हैं कि जैसे जैसे हमारी उम्र बढ़ती जाती है हमारा शरीर कमजोर होता जाता है हम जवानी में कितने भी स्वस्थ क्यों ना रहे हो उम्र बढ़ने पर शारीरिक परेशानियां हमें जीरी ही लेती।
2:_ आर्थिक समस्या:_
इनकी सबसे बड़ी समस्या यह होती है की इनके पास धन नहीं होता । यदि कहीं सरकारी नौकरी में थे तब भी उनकी पेंशन सीधी अकाउंट में जाती हैं। जिसके चलते उन्हें अपने बच्चों आदि से आवश्यकता के अनुसार पैसे अकाउंट से निकलवाने पढ़ते हैं।
3:_परिवार के सदस्यों की व्यस्तता:_
परिवार के बाकी सदस्य अपने-अपने काम में व्यस्त होते हैं जो बड़े बुजुर्गों को समय नहीं दे पाते, और बड़े बुजुर्गों का यह सोचना की कोई उनको समय नहीं देता और यही सोच सोच कर अपने को बीमार कर लेते हैं।
4:_बीमारियां:_
इसमें तो कोई दो राय नहीं है कि स्वास्थ्य से स्वस्थ शरीर भी बुढ़ापे में बीमारी से ग्रस्त हो जाता है कुछ समस्याएं तो छोटी होती हैं लेकिन कुछ बीमारियां इतनी बड़ी होती है कि उसका इलाज घर के सदस्य तो क्या डॉक्टर के पास भी नहीं होता। ऐसे में लाचार वृद्ध क्या करें।
ऐसे न जाने कितनी लाचारीयां हैं जो वृद्ध अवस्था में अपने आप को घेर लेती हैं इंसान अपनी बीमारियों से लड़े या परिवार के सदस्यों।
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हम क्या करे जिससे बुजुर्गों को बेहतर लगे:_
* पौष्टिक भोजन पर ध्यान दें:_
वृद्धावस्था में सबसे ज्यादा जरूरी स्वास्थ्य ही होता है ।इन वृद्धों का स्वास्थ्य खराब ना हो इसलिए इनको पौष्टिक भोजन कराते रहना चाहिए। शरीर के अनुसार पचने योग्य भोजन, सूखे मेवे व फल आदि पर विशेष ध्यान देना चाहिए। संतुलित भोजन यदि समय पर मिलता रहे तो प्रदूषण की समस्या हल हो जाती है।
* उनको अकेला ना रहने दे:_
शरीर की लाचारी अपने से कुछ काम करने को असमर्थ होती है अतः इनको अकेले ना छोड़ना एक बड़ी समस्या बन जाएगी इसलिए इन्हें अकेला ना छोड़ा जाए। यह घर के और सदस्यों की जिम्मेदारी होती है। अकेले होने पर यह कभी खुद से चाय बनाएंगे या हो सकता है कोई इलेक्ट्रॉनिक काम की आवश्यकता पड़े और चेक करने लगते हैं तो अनहोनी होने की आशंका बनी रहती है जितना हो सके इनके साथ रहें।
* उनके बैंक खाते के काम के लिए आप समय निकले:_
बैंकिंग सुविधा आज के जमाने में बहुत अच्छी हो गई है लेकिन यह भावी पीढ़ी के लिए तो सही है लेकिन पिछली पीढ़ी में जिन्होंने कंप्यूटर आदि का ज्ञान प्राप्त नहीं किया है उनके लिए बैंकिंग सुविधा थोड़ी मुश्किल है। ऐसी स्थिति में आपको समझना पड़ेगा और उनकी बैंकिंग कार्यों को करने में आपको मदद करनी होगी।
*समय पर उनका चेकअप और इलाज कराएं:_समय-समय पर यदि बुजुर्गों का छापा होता रहे तो आने वाली बीमारी से बचा जा सकता है हम पहले से उस बीमारी के लिए अलर्ट हो जाते हैं कहा जाता है कि शरीर हमें 10 साल पहले से संकेत देता है कि शरीर को कौन सी बीमारी होने वाली है ऐसी स्थिति में चेकअप कराते रहने में हमें बहुत मदद मिलती है उसी प्रकार बुजुर्गों के चेक का समय पर इलाज करा देने से उनकी ही नहीं परिवार की समस्या भी आधी हो जाती है।
* परिवार के सदस्यों के साथ उन्हें घुमाने ले जाएं:_
हर घर के बुजुर्गों की उम्र अलग होती है । स्वास्थ्य पुरुष व महिला 60 से 75 तक स्वयं घूम लेते हैं। लेकिन यदि वह लाचार हैं और सच में वह अकेले कहीं नहीं जा सकते हैं तो परिवार के सदस्यों को एक साथ उन्हें कहीं फिल्म मंदिर स्थल या उनकी मनपसंद जगहों पर घुमा देना चाहिए जिससे उनका थोड़ा कष्ट कम हो जाता है।
*क्लब आदि ज्वाइन कराएं:_हमारे हिंदुस्तान में यह क्लब जैसी सुविधाएं यंग लोगों के लिए तो हैं लेकिन बुजुर्गों के लिए यह अनुपातन बहुत कम देखने को मिलते हैं। शहर, प्रदेश और देश में इसकी संख्या बढ़ाई जानी चाहिए जिससे हम अपने घर के बुजुर्गों को पास के क्लब आदि में जाकर अपने माता पिता का रजिस्टर्ड करा सके। जिससे उनका समय बहुत अच्छा कटेगा और वह खुश रहेंगे।
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* बुजुर्गों को योगा आदि के लिए प्रेरित करे:_ जब तक ये बुजुर्ग खुद से बाहर जा सकें तब तक वो स्वयं ही चले जाए और जब वो असमर्थ हो तो घर का कोई सदस्य साथ जाए। ये भी संभव न हो तो योग आदि उनको घर पर ही समय दे कर योग कराए।
यह छोटी-छोटी चीजें आपके परिवार के बुजुर्गों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखेंगे और वह अपने आप को इतना ज्यादा लाचार नहीं समझेंगे।
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