Bachho Ko Kaise Sikhaye, Ghar Ke Kaam Karna/ बच्चो को कैसे सिखाए, घर के काम करना।
Bachho Ko Kaise Sikhaye Ghar Ke Kaam Karna/ बच्चो को कैसे सिखाए घर के काम करना।
बच्चो से ज्यादा पेरेंट्स सदमे में हो जाते हैं कि बच्चे से काम कराएं ही क्यों ? उनका मानना होता है कि बच्चों के पास यूं ही बहुत काम होता है। उनकी पढ़ाई लिखाई, उनके प्रोजेक्ट ,उनके एग्जाम्स, होमवर्क, क्लास वर्क, ट्यूशन वर्क आदि.कुछ पेरेंट्स का मानना होता है कि बच्चे अभी छोटे हैं। उनका काम पढ़ना ही होना चाहिए, क्योंकि पढ़ने का कंपटीशन बहुत ज्यादा हो गया है। इसलिए वे बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान देते हुए उनसे घर के काम नही कराते हैं।
जिसके फलस्वरूप आप और हम सब अपने परिवार को सुव्यवस्थित कर पाते हैं,लेकिन यदि हम अपने बच्चों को केवल पढ़ाई करते हैं और घर के कामों के लिए सिर्फआप ही सामने आ रही है तब आप बच्चों के भविष्य में कांटे बो रही हैं।आप यदि पैसों से संतुष्ट हैं तो आपके घर में काम वाली होगी और यदि नही तब तो आपका बच्चा एक गिलास पानी भी अपने हाथ से नहीं ले रहा होगा।जबकि पेरेंट्स को आज के माहौल को ध्यान रखते हुए, बच्चों को पढ़ाई के साथ घर के काम भी लेना चाहिए।
बच्चों से काम कैसे सिखाए
1: टाइम टेबल बना कर:_बच्चों को एक टाइम टेबल बना कर उनकी किसी डायरी पर लिख दें।
जैसे बच्चे अपने स्कूल रूटीन को रोज बखूबी निभा लेते हैं सच मानिए आपके बच्चे रोज के वही काम जिन पर आपको रोज चिल्लाना पड़ता था। टाइम टेबल पर वह काम स्वयं ही कर लेंगे।आपको पत्ता भी नही चलेगा। इसके विपरीत यदि बच्चे समय ना होने की आपसे शिकायत करें तो आप उन्हें काम करने का वह तरीका बताएं जो आप स्वयं करती हैं।
जैसे:_ जो सामान जहा से उठाए वही रखें, स्कूल जाते समय कमरे को फैलाए नहीं।अपने कपड़े हैंगर पर टांग कर जाएं लौटकर उन्ही स्कूल के कपड़ों को फिर हैंगर पर टांग कर अपने कपड़ों को पहन लिया जाए। जूतों को जूते की जगह रखा पर रखा जाए। इस ट्रेनिंग में आप जितना भी देर करेंगी आप अपने लिए परेशानी ही परेशानी क्रेट करेगी। जितनी जल्दी हो सके बच्चों को इस आदत में शामिल कर दें।
2:_ आने वाले कल को प्लान करना सिखाए :_
कल के दिन में क्या-क्या करना है इसको एक दिन पहले ही प्लान करना सिखाए स्कूल के बाद शाम को वह वक्त भले खाने का ही क्यों ना हो बस डिस्कशन करें कि कल शाम को उनके पढ़ने का काम, खेलने कूद, खाना-पीना करने उनके बाकी काम को शामिल करे ।
3:_ घर के काम को भी सिखाए:_
बच्चो को घर के छोटे छोटे काम जैसे अपना बिस्तर सही करना,अलमारी का सारा सामान सलीके से लगाना,अपने कपड़े तह कर के रखनाआदि काम बच्चो से आराम से कराए जा सकते हैं।पहली पहली बार उनको काम करने में परेशानी हो तो उनके काम में आप मदद करा शक्ति हैं,और बच्चो ने काम तो किया लेकिन वह सही से नही हो पाया हो तो भी उसको टोकने या datne के बजाए।उसको अगली बार सही करने की सलाह दें।
4:_ मनोरंजन के साथ सिखाए:_
आप को याद होगा जब आप को आप के पैरेंट काम को बोलते थे। तब आप भी रेडियो, रिकॉर्डर बजा कर ही घर के काम करती होगी ,ठीक वैसे ही बच्चों के मन पसंद म्यूजिक बजा कर कराए जा सकते हैं।जैसे शू रैक में शू रखना, खिलौनों को सुव्यवस्थित रखना, स्टैंड में फैले हुए कपड़े( धुले हुए )उन्हें उठाकर अपनी जगह पर रखना, पौधों में पानी देना इत्यादि काम करना सीखा सकते हैं।
5:_ नए काम नए खेल बना कर सिखाए:_
बच्चो को काम सीखना हैं तो आप को भी बच्चा बनना होगा। उनको काम सीखना इतना भी आसान नहीं होता।आप उनको जो काम दे उसको टास्क के रूप में दे जैसे:_ पौधों को पानी देने में कितना समय लगता हैं। और दो बच्चो के बीच गमलों को बाट दे और उनको कहे देखे पहले कौन गमलों को पानी दे कर आता हैं।आदि
बच्चो को स्कूल में कोई भी काम सिखाया जाता हैं तब उनकी टीचर काम नहीं बोलती वो बोलती हैं, आज हम लोग एक न्यू एक्टिविटी करते हैं। आप को भी गेम,टास्क ,खेल,एक्टिविटी का नाम ले कर काम बच्चो को काम पर लगाना हैं।
बच्चो के लिए होगा फायदेमंद:_
* नए काम को करने में बच्चो को परेशानी तो होगी लेकिन जब काम वो सिख जाते हैं तब उनमें अपने प्रति विश्वास होना शुरू हो जाता हैं। और यही विश्वास कल उन्हें बड़ी परेशानियों को का सामना करने में मददगार साबित होता है।
* काम करने से बच्चे ज्यादा जिम्मेदार बनते हैं।
* बच्चे काम करने से अपनी कमियों को जानकर उन्हें सुधारने का प्रयास करते हैं।
* बच्चे काम करने के करने से कॉन्फिडेंट महसूस करते हैं।
* वह अपनी चीजों को खुद हैंडल करना सीख पाते हैं और यह उनके बॉडी लैंग्वेज पर नजर आता है।
* कम उम्र के बच्चों को एंजायटी डिप्रेशन जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलेगा।
अतः आप अपने बच्चों को खुद यह डिसाइड करें कि उन्हें क्या काम कराना पहले सिखाना जरूरी है उनके काम उनकी उम्र के लिहाज से चुने जाएं और वह काम उन बच्चों से करारा एक कराया जाए आपके और आपके बच्चे दोनों के लिए जरूरी होता है।
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