kya Mata pita apne hi bachho ke beech bhed bhaaw karte Hain / क्या माता-पिता अपने ही बच्चों के बीच भेदभाव करते हैं?
क्या माता-पिता अपने ही बच्चों के बीच भेदभाव करते हैं?
10 जुलाई 2023
हेलो दोस्तों 🙏 आज का सब्जेक्ट है. क्या माता पिता अपने ही बच्चो के बीच भेद भाव करते हैं? बच्चो के मन में ये बात जीवन में कभी न कभी दिल में जरूर घर कर जाती है की उनके ही पैरेंट अपने बच्चो के बीच भेद भाव रखते हैं। आप के मन में भी ये बात दिल तक जरूर पहुंची होगें।
माता पिता बच्चों में भेदभाव करते हैं?:_
यह तो मानना पड़ेगा कि हर इंसान अलग होता है ।उसी प्रकार से हर बच्चा भी अलग होता है। जैसे हमारे हाथ की पांचों उंगलियां साथ में रहते हुए भी सब एक दूसरे से अलग होती हैं , पाचो उगलियो के आकार, स्वभाव , गुण अलग होते हैं वैसे ही बच्चों में भी अपने अलग गुण होते हैं। जिसके कारण मां बाप के भाव भी प्रत्येक बच्चे पर अलग अलग हो जाते हैं।जिसे बच्चे भेदभाव समझ लेते हैं।लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नही होता.पैरेंट अपने बच्चों को स्वभाव,आवश्यकता, उम्र, गुण,के अनुसार ट्रीट करते हैं ।माता पिता बच्चो में भेदभाव नहीं करते लेकिन बच्चो के मन में भेदभाव बनता जरूर हैं।
भेदभाव के क्या कारण हो सकते हैं?:_
इस संसार में हर व्यक्ति एक दूसरे से अलग हैं। उसी प्रकार एक माता पिता के कई संतान होने पर भी हर एक संतान एक दूसरे से अलग हैं। ऐसे में माता पिता का प्यार भी बच्चों के लिए रूप परिवर्तित करता है। जिसे कुछ लोग भेद भाव समझते हैं।
1:_ प्रथम संतान प्रथम प्यार= पहली संतान पहले प्यार जैसी होती हैं।वह पेरेंट्स के बीच ही नहीं पूरे परिवार में उसे सर्वाधिक प्यार मिलता ही है।
अपवाद=इसमें अपवाद भी शामिल हो सकता है कि किसी के घर प्रथम बेटा है या बेटी कुछ लोग बेटी का इंतजार कर रहे होते हैं और कुछ बेटे का। कुछ लोग इन दोनों से अलग होते हैं उनका मानना होता है कि प्रथम संतान भगवान का प्रसाद है ।इन बातो पर भी प्रथम प्यार प्रभावित होता हैं।
2: स्वभाव पर आधारित प्यार= किसी बच्चे का स्वभाव सरल तो किसी का गुस्सैल /कोई शांत तो कोई बातूनी /कोई शरारती तो कोई चुप /कोई कामकाजी तो कोई आलसी होता है। ऐसे में बच्चों के बीच पेरेंट्स अलग अलग रोल अदा करते हैं। उसको बच्चे भेद भाव समझ लेते हैं।
3:_ शिक्षा एक बड़ा कारण:_जो बच्चा पढ़ने में अच्छा होता हैं,उसको ज्यादा शाबासी मिलती ही है। उस जगह पर औसत अंक लाने वाला बच्चा अपने को यह समझे कि पेरेंट्स उसे प्यार नहीं करते तो इसमें मां-बाप की क्या गलती हो सकती है।
4:_ उम्र के कारण :_ माना की बड़ा बच्चा 7 साल का हैं और दूसरा 2 साल का ऐसे में यदि दोनो बच्चे साथ में खेल रहे हैं और कोई चीज टूट जाती हैं तो मां चाटे बच्चे से कुछ नही कहेगी।सारी डॉट बड़े बच्चे को ही मिलती हैं। ऐसे हालात में बड़ा बच्चा यही कहते सुना जाता हैं की मां छोटे को प्यार करती हैं। और यही बाते बड़े को समझना कठिन हो जाता हैं।
क्या हमारे पैरेंट बेटा और बेटी के बीच भेदभाव करते है?
ये परेशानी हर घर में देखने को मिलती हैं, कही कम तो कही ज्यादा कुछ घरों में ये बहुत ही विकट रूप में मिलती हैं। खाने , पहनने से लेकर शिक्षा तक इसका प्रभाव आसानी से आप अपने ही आप पास देख सकते हैं। अभी तो स्थिति बहुत सुधर गई है, लेकिन फिर भी हालात हंड्रेड परसेंट सही नहीं हुए हैं। बेटा बेटी के बीच भेदभाव केवल भाई-बहन के बीच नफरत की दीवार ही बनती है।ऐसे हालत भाई बहन की शादी के बाद भी परिस्थितियां सही नहीं होने देती हैं। हमें हमारे समाज से इस भेदभाव को पूरी तरह से खत्म करना होगा । यह जितनी जल्दी सुधरेगा हमारा समाज उतनी ही जल्दी पारिवारिक समस्याओं से दूर हो पाएंगे।
अतः।आप ये जान ले कि मां हो या बाप वे बच्चों के बीच भेद भाव नहीं करते बल्कि वे दो बच्चो के बीच जो फर्क करते हैं वो दो इंसान के बीच का फर्क होता हैं,ना कि दो संतानों के बीच का फर्क।बच्चे इस बात को तब समझ पाते है जब एक दिन वो स्वयं मां या पिता बनते हैं।
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