बच्चे आप की बात क्यू नही सुनते? / Bachhe Aap Ki Baat Kyu Nahi Suntye

बच्चे आप की बात क्यू नही सुनते? / Bachhe Aap Ki Baat Kyu Nahi Suntye


 बच्चे  मन  के सच्चे  तो आप ने सुना ही होगा । वो जैसा  देखते हैं वैसा ही करते हैं। इस लिए बच्चो को सुधारने से पहले हम बड़ो को सुधरना पड़ेगा।आप  जिस माहौल में रह रहे हैं वहा  कोई ना कोई ऐसा जरूर से हैं जो गलत जिद्द या बातो को नजरंदाज जरूर करता होगा  । ये वही इंसान होगा जिसको आप का बच्चा फॉलो कर रहा होगा। बच्चे हमेशा किसी न किसी की नकल करते हैं ।आप स्वयं पर भी ध्यान दे की कही वो आप को तो नहीं फ़ॉलो तो नहीं कर रहा हैं।

ध्यान दें बच्चे इन गलतियों के कारण ही मां बाप की नही सुनते ।

1:_तेज आवाज में बात करना:_ पेरेंट्स के तेज आवाज में बात करने के कारण एक वक्त ऐसा जरूर आता है जब बच्चे पेरेंट्स को डाट और नॉर्मल बात के बीच में कंफ्यूज हो जाती हैं और वह समझ नही पाते कि आप बच्चों को डांट रहे हैं या नॉर्मल बात कर रहे हैं।

2:_ हर समय बुरा भला कहना:_ अगर आप अपने बच्चे को हर समय कुछ ना कुछ बुरा भला कहते रहते हैं तो यह आपकी बहुत बड़ी गलती हो सकती है अगर आप ऐसा करते हैं तब आपका बच्चा आपसे धीरे-धीरे दूर होता जायेगा। वह जिद्दी बन जाएगा और तब वह आपकी एक नहीं सुनेगा।

3:_हर काम में कमियां निकालना:_ बच्चे आपकी ना सुनते हो तो यह भी एक बड़ा कारण हो सकता है कि आप बच्चे के द्वारा किए हुए हर काम में केवल कमियां ही निकलते हैं । उसके काम की प्रशासन नहीं करते। तब बच्चों को अपनी जिद ही सही लगने लगती है और तब वह पेरेंट्स की बात नहीं सुनते और अपने मन की करने लगते हैं।

4:_ बच्चो पर हाथ उठाना:_ बच्चों की छोटी-छोटी बात पर हाथ उठाना यह गलत होता है ।जो लोग ऐसा करते हैं उनके बच्चे बार-बार मार खाकर ढीट हो जाते हैं। तब उन्हें आपकी किसी बात का कोई असर नहीं होता और ना ही उन्हें तब मार का ही कोई असर होता है।

5:_दूसरे बच्चों से तुलना ना करो:_ बातों बातों में यदि अपने बच्चे की जगह किसी पड़ोस के सोनू मोनू की तारीफ कर रहे हैं या किसी स्कूल के बच्चे की तारीफ करते हैं तो बच्चे को ऐसा महसूस होता है कि उसके पेरेंट्स उसको पसंद नहीं करते बल्कि अपने पड़ोसी या स्कूल के उक्त बच्चे को पसंद करते हैं। इस तरह से वह बच्चा आपसे भावात्मक रूप से दूर होता जाता है ।अतः यदि आप ऐसा कुछ करते हैं तो आपको स्वयं को बदलने की जरूरत है।

6:_ खुद का व्यवहार सही रखना होगा:_ आप अपने बच्चे की जरूरत और भावनाओं को समझें और जितना हो सके बच्चे से पहले खुद को व्यवहारिक रुप से सही करें। क्योंकि बच्चे कच्ची मिट्टी के घड़े होते हैं। उन्हें आप जैसा आकार देंगे बच्चे वैसे ही बनकर तैयार होंगे वह अपने आसपास जिस वातावरण को ग्रहण करेंगे वैसा ही व्यवहार वह दूसरों को देंगे। यदि आप बच्चों के प्रति व्यवहारिक रुप से खरे नहीं उतरते तो बच्चे भी आपको भावनात्मक रूप से नहीं समझते और वो जिद्दी हो जाते हैं या वह आपकी बात नहीं सुनते ।

अपनी गलतियों सुधारे और बच्चे के साथ अच्छे से व्यवहार करें ।आप पाएंगे कि बच्चे 10_ 12 दिन में स्वयं ठीक हो जाएंगे और उनका जिद करना कम हो जाएगा ।धीरे-धीरे वह आपकी बात भी मानने लगेंगे।

कुछ टिप्स:_ 
* सोच समझ कर करें शब्दों का चुनाव।
* तेज आवाज में बात ना करें।
* प्यार से समझाएं ।
* किसी चीज के चुनाव के लिए ऑप्शन दें।
* शिष्टाचार की शिक्षा समय-समय पर देते रहें।
* बच्चों के साथ बहस ना करें।
* उनके अच्छे बिहेवियर को अप्रिशिएट करें।
* बच्चो की आखों में आंख डाल कर बात करे।
* बच्चो को आदेश नही अनुरोध करें।
* बच्चो के कंधे पर हाथ रख कर उसको अपनी बात का विश्वास दिलाए। 
 आप विश्वास करे कि इन सब प्वाइंट को ध्यान से फॉलो करेगें तो बच्चे आप की जरूर सुनेंगे।
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